योगी को गोरखपुर सदर सीट से लड़ाकर भाजपा ने की बड़ा सन्देश देने की कोशिश

बृजेश चतुर्वेदी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार होंगे। यह एक खबर नहीं, बड़ा संदेश है। दरअसल, यह वही सीट है, जहां से कभी योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को हरा दिया था। अब वे अपने लिए इस सीट पर वोट मांगने जाएंगे। इसके साथ ही यह सवाल खड़ा हो गया है कि वर्तमान विधायक राधामोहन दास अग्रवाल का क्या होगा? पिछले काफी समय से वे योगी आदित्यनाथ से नाराज चल रहे हैं। अब उनको टिकट मिलने पर संशय उत्पन्न हो गया है।भाजपा ने लंबी जिद्दोजहद और मंथन के बाद यूपी चुनाव 2022 के लिए पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। इस सूची में योगी आदित्यनाथ का नाम भी शामिल होने से साफ हो गया कि पार्टी ने चुनावी रणनीति को साफ कर दिया है। योगी एक बार फिर प्रदेश में मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर देखे जा रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने स्वयं चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा की थी। ऐसे में उनकी सीट को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। उन कयासों पर अब विराम लग गया है। साथ ही, उनकी विधानसभा सीट को लेकर भी मुद्दा गरमाने लगा है।

2002 में योगी ने किया था खेल

गोरखपुर सदर सीट पर गोरक्षपीठ मठ का प्रभाव माना जाता है। इस कारण यहां पर हमेशा मठ की ओर से सुझाए जाने वाले उम्मीदवारों को ही चुनावी मैदान में उतारा जाता है। वर्ष 2002 में यहां से भाजपा के सीनियर नेता शिव प्रताप शुक्ला चुनावी मैदान में उतरे थे। उनसे योगी आदित्यनाथ की पट नहीं रही थी। ऐसे में योगी ने तब भारतीय हिंदू महासभा के उम्मीदवार के तौर पर राधामोहन दास अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतार दिया। योगी आदित्यनाथ का प्रभाव ऐसा रहा कि शिव प्रताप शुक्ला तीसरे स्थान पर चले गए। वर्ष 2002 से लगातार चार बार राधामोहन दास यहां से विधायक चुनकर जाते रहे हैं।

योगी अब स्वयं मैदान में

गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से अब योगी आदित्यनाथ स्वयं चुनावी मैदान में होंगे। इसका सीधा प्रभाव इस पूरे इलाके पर पड़ना तय है। इन सीटों पर हाल के समय में भाजपा की स्थिति कमजोर होती दिखी है। यही वजह है कि पार्टी ने अपने चेहरे को गढ़ में मजबूती के लिए उतारा है। गोरखपुर शहर सीट योगी के लिए सुरक्षित सीट होगी। यहां पर उन्हें अधिक समय नहीं देना पड़ेगा। इससे वे बचने वाले समय का उपयोग प्रदेश के अन्य हिस्सों में चुनावी प्रचार में लगा सकते हैं। साथ ही, पिछले पांच साल में जो उन पर बैकडोर पॉलिटिक्स का आरोप लगा है, उसे भी खत्म करने में कामयाब होंगे।

अब ‘दास’ का क्या होगा-

गोरखपुर शहर सीट से योगी आदित्यनाथ के उम्मीदवार बनने के बाद भाजपा के विधायक राधामोहन दास के भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है। दास को भले ही योगी ने राजनीति में आगे बढ़ाया हो, लेकिन पिछले कुछ समय से वे लगातार मुख्यमंत्री से नाराज चल रहे थे। इसके अलावा उनके विवादित बयान चर्चा में आए। इसके बाद से ही वे भाजपा आलाकमान की नजर में आ गए थे। अब माना जा रहा है कि उन्हें साइडलाइन किया जा सकता है।

पूर्वांचल में भाजपा को मजबूत बनाने में मिलेगी मदद

पूर्वांचल में 130 विधानसभा सीटों पर पिछले चुनावों में भाजपा काफी मजबूत रही हैं। इस बार के चुनाव में पार्टी को समाजवादी पार्टी से कड़ी टक्कर मिलती दिख रही है। तमाम चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में भाजपा की सीटें इस इलाके में कम होने की आशंका जताई गई है। इस क्षेत्र से मुख्यमंत्री योगी के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनकर गए हैं। वाराणसी से जिस प्रकार का माहौल पीएम मोदी ने बनाया था, उसी प्रकार से गोरखपुर विधानसभा चुनाव 2022 में पूर्वांचल की राजनीति का केंद्रबिंदु बनने जा रहा है।

Check Also

सपा ने किसान दिवस के रूप मनाई चौधरी चरण सिंह की जयंती,किसानों के हित में लड़ने का लिया संकल्प

फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) शहर के आवास विकास स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय पर चौधरी चरण …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *