बजट के आंकड़े दे रही सरकार, लेकिन महाकुंभ में मरने वालों के नहीं : अखिलेश यादव

‘‘शाही स्नान की परंपरा टूटने का लगाया आरोप’’
नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो)
  संसद में बजट सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार को घेरते हुए बोला कि महाकुंभ भगदड़ को लेकर एक सर्वदलीय बैठक बुलाया जाए। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से महाकुंभ हादसे की जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
दरअसल, बजट सत्र के दौरान अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर सरकार से कई सवाल किए और कहा कि, “सरकार बजट के आंकड़े दे रही है, लेकिन महाकुंभ में मरे लोगों के आंकड़े क्यों नहीं दिए जा रहे?” उन्होंने मांग की कि इस मामले को लेकर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए ताकि महाकुंभ की व्यवस्थाओं को स्पष्ट किया जा सके। इसके अलावा, अखिलेश ने यह भी कहा कि महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी अब सेना को सौंप दी जानी चाहिए। अखिलेश यादव ने महाकुंभ हादसे में मारे गए लोगों और घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी और परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश करने की मांग की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और सच्चाई को छिपाने वालों को सजा मिलनी चाहिए। अखिलेश ने डबल इंजन सरकार से सवाल किया कि अगर कोई दोष नहीं था तो आंकड़े क्यों दबाए गए और छिपाए गए? सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि महाकुंभ स्थल पर स्थित खोया-पाया केंद्र से भी लोगों की मदद नहीं मिल रही थी। उन्होंने कहा कि इस केंद्र से किसी को भी मदद नहीं मिल रही थी, जो लोगों के लिए और भी अधिक असुविधाजनक था। अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ हादसे के बाद हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जा रही थी, जो उन्हें समझ नहीं आ रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि जेसीबी की मदद से हादसे वाली जगह के सबूतों को मिटाया गया था। उन्होंने कहा, “हादसे के बाद वहाँ पड़ी चप्पल, कपड़े और साड़ियाँ जेसीबी मशीन से उठवाकर कहीं फेंक दी गईं। यह सब कुछ छिपाने के लिए किया गया था।” अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ में शाही स्नान (अमृत स्नान) निश्चचित मुहूर्त में नहीं हो पाया, जिससे परंपरा टूट गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार में शाही स्नान की परंपरा भी टूट गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पुण्य कमाने आए लोग अपने परिजनों के शव लेकर महाकुंभ से लौटे हैं। इसके साथ ही, अखिलेश यादव ने सदन में जातीय जनगणना कराए जाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि यह जनगणना समाज के सभी वर्गों के बारे में सही आंकड़े उपलब्ध कराएगी, जिससे नीति निर्धारण में मदद मिल सकेगी। अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुई भगदड़ और उसके बाद की घटनाओं को लेकर योगी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की और महाकुंभ में मारे गए लोगों के आंकड़े और हादसे की पूरी जानकारी देने की अपील की। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है?

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