अखिलेश यादव के लिए मुसीबत का सबब बनेंगें चाचा शिवपाल के बेचारगी भरे बयान?
लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) यूपी में सपा-प्रसपा (लोहिया) का चुनावी गठबंधन हुआ है। वहीं सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल सिंह की पार्टी प्रसपा को महज एक सीट दी है, जबकि शिवपाल यादव 100 सीटों पर दावा कर रहे थे लेकिन उन्हें एक ही सीट पर संतोष करना पड़ा। वहीं शिवपाल एसपी से राजनीतिक गठबंधन करने के बाद भी अपना दर्द छिपा नहीं पा रहे हैं। खासबात ये ही कि शिवपाल सिंह इटावा की जसवंत नगर सीट से एसपी के सिंबल पर ही चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं राजनैतिक हल्कों में चर्चा है कि चाचा शिवपाल यादव के बेचारगी भरे बयान अखिलेश यादव के लिए मुसीबत का सबब बनेंगें?
बताते चलें कि रविवार को शिवपाल यादव अखिलेश को सीएम बनाने की मन्नत मांगने इटावा पहुंचे। वहीं शिवपाल लगातार इटावा में जनसभाएं कर रहे हैं और समाजवादी पार्टी और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं, जबकि इटावा शहर के मुस्लिम इलाकों में चुनाव प्रचार करने पहुंचे शिवपाल यादव ने यहां अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि प्रसपा ने पिछले तीन साल से राज्य में चुनाव लड़ने की तैयारी की थी और हमें 100 सीटों पर चुनाव लड़ना था। लेकिन हमें सीटें नहीं मिली। उन्होंने कहा कि अब अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाना है और इसके लिए उन्होंने अपना बलिदान दिया है।
प्रसपा प्रमख इटावा की जसवंत नगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। खास बात ये ही शिवपाल यादव एसपी के सिंबल पर ही चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार भी वह एसपी के टिकट पर चुनाव जीते थे। वहीं चुनाव प्रचार के दौरान शिवपाल सिंह यादव ने डॉक्टर बन्ने मियां के मकबरे पर मौलानाओं के साथ चादर चढ़ाई और अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने की मन्नत मांगी। लेकिन इस दौरान उनका दर्द सामने आया और उन्होंने सीटों के गठबंधन को लेकर दर्द बयां किया।
इससे पहले भी शिवपाल यादव कई बार अपना दर्द मीडिया के सामने बंया कर चुके हैं और वह दावा करते हैं कि अगर प्रसपा को 100 सीटें मिलती तो उसके प्रत्याशी चुनाव जीतते। शिवपाल ने पिछले दिनों ही इटावा में कहा था कि बीजेपी से लड़ने के लिए अपनी पार्टी का बलिदान दिया है और गठबंधन में एक सीट पर सहमति जताई है। वहीं शिवपाल ने कहा था कि उनका कंप्टीशन अखिलेश यादव है और जसवंत नगर की जनता उन्हें ज्यादा से ज्यादा मतों से जीतकर विधानसभा में भेजे।