गीता मानव जीवन के कल्याण का महाग्रंथ: दंडी स्वामी
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) आज बाबा कालेश्वर नाथ मंदिर मे कान्यकुब्ज साथी संस्था के तत्वाधान मे गीता जयंती का आयोजन श्रद्धा पूर्वक संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष मनोज कुमार शुक्ल ने की तथा मुख्य अतिथि के पद पर दंडी स्वामी रामेश्वराश्रम विराजमान थे। उन्होंने अपने सम्बोधन मे कहा कि गीता भगवान का हृदय है उनकी दिव्य वाणी मानव जीवन के कल्याण का सार है। इस पावन अवसर पर आप सभी विद्वदजनों की वाणी से निर्झरित गीतामृत का जो पान किया है उससे अपने जीवन को गीतामय बनाये। आनंदधाम पीठाधीश्वर कौशल जी महाराज जी मुख्यवक्ता ने कहा कि गीता वर्तमान ने जीना सिखाती है। भगवान योगेश्वर की वाणी हमे बताती है शरीर रूपी रथ की लगाम है सारथी रूपी व्यक्ति को सौप कर कर्ता रूप मे जीव रूपी अर्जुन निश्चित रह सकता है। गीता हमे कर्म के लिए प्रेरित करती है और आश्वस्त करती है भगवान की शरण मे आने वाला प्राणी आनंद से जीवन व्यतीत कर सकता है।
संस्था के अध्यक्ष श्री शुक्ल ने कहा कि परमहंस स्वामी शारदानंद जिनका सूक्ष्म आदेश दिव्य चेतना के रूप मे जन्मा जिसका परिणाम गीता ज्ञान का लोकार्पण और गीता जयंती समारोह का होना हुआ। संस्था के महामंत्री अविनाश दुबे ने संस्था के (भगवत गीता को मानवीय आचरण ग्रंथ की मान्यता प्रदान करे) प्रस्ताव का उल्लेख किया जिसे सर्व सम्मति से तालियों की गडगाडाहट से पास किया गया, जिसका ज्ञापन शीघ्र दिया जायेगा।
विजेंद्र सिंह तोमर ने किसी कवि की इन पंक्तियों के माध्यम से अपनी बात रखी –
गीता अमर गीत जीवन का
गीता अमृत की वाणी है।
गीता का शिव सम्बल लेकर
भव सागर तरता प्राणी है”
इस अवसर पर पधारे संतजन स्वामी मतंग आश्रम, स्वामी विनोद आश्रम, स्वामी रघुनाथ आश्रम, स्वामी श्यामदेव आश्रम का उत्तरी उढाकर माल्यार्पण कर स्वागत करने वालो मे रामखिलावन पाण्डेय, राकेश दुबे, आचार्य मुकेश पाठक, आचार्य प्रकाश चंद्र. मिश्र, आचार्य ओम सिंह, पं० रामू पाण्डेय, मनीष श्रीवास्तव आदि लोगो ने अपने विचार रख्खे।
मुकुल किशोर शुक्ल ने गीता पाठ वाचन के साथ कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। योगेश्वर भगवान कृष्ण का पूजन अर्चन अतिथियों ने किया।
संचालन संयोजक जगपाल सिंह ने किया व आभार देवेंद्र मिश्र ने व्यक्त किया।