कन्नौज : पूरी निष्ठा से की पुलिस सेवा अब दमदारी से करूंगा राजनीति : अरुण

बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो)
महज 51 साल की उम्र में पुलिस कमिश्नर पद से इस्तीफा देकर राजनीति में शामिल हुए कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर असीम अरुण भाजपा ज्वाइन करने के 2 दिन बाद अपने पैतृक गांव कन्नौज के खैर नगर पहुंचे। यहां गांव वालों ने असीम अरुण का माला पहनाकर स्वागत किया। अपने पैतृक गांव पहुंचने से पहले असीम ने पिता द्वारा बनवाये गए स्कूल में एक कार्यक्रम में  भाग लेकर लोगों का अभिनंदन किया। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह गांव स्थित एक मंदिर में पूजा अर्चना करने पहुचे। मंदिर में पूजा अर्चना के बाद असीम गांव में अपने पैतृक आवास पर पहुंचे घर की देहरी पार करने से पहले उन्होंने देहरी के पैर छुए और हाथ जोड़कर घर के अंदर प्रवेश किया। पूर्व पुलिस कमिश्रर गांव के अंदर पैदल घूमकर लोगो का अभिवादन स्वीकारते रहे उनको देखने के लिए गाँव मे लोगो का हुजूम उमड़ पड़ा।
बाद में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर 2021 तक उन्होंने राजनीति में आने के बारे में सोचा भी नही था। मेरी पुलिस की नौकरी अच्छी चल रही थी लेकिन 1 जनवरी को मेरे सामने ये सुझाव आया।  मैंने इसपर विचार किया और उसके बाद नौकरी छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली। उन्होंने कहा कि अभी उनके पास 9 साल की पुलिस सेवा का समय था लेकिन वह मोदी व योगी के सुझाव से प्रेरित हो गए। उन्होंने बताया कि मोदी चाहते है प्रशासनिक अधिकारी राजनिति से जुड़े। ऐसे बहुत से अधिकारी राजनीति में जुड़े है। उनके आने से राजनीति का परिवेश भी बदलने लगा है। उनसे पूछा गया कि संवैधानिक पद पर रहकर लोक सेवा नही की जा सकती है राजनीति में आने के बाद क्यों? तो उन्होंने कहा कि प्रसाशनिक पद का दायरा सीमित होता है। राजनीति का कोई दायरा नही होता है वह लोकसेवा पूरे मनोयोग से कर सकते है। आईएएस ए के शर्मा ने भाजपा जॉइन की थी लेकिन उनको भाजपा में कोई बड़ा पद नही दिया गया कयास लगाए जा रहे थे उनको कैबिनेट में शामिल किया जाएगा अब वह प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में भी देखे जा रहे है इसपर भाजपा में अंदर खाने द्वंद चल रहा है। अब आईपीएस अरुण भाजपा में शामिल हुए है कही ऐसा तो नही कि वे उपमुख्यमंत्री बनने की सोच रखकर भाजपा में शामिल हुए हों? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी 2 दिन हुए है भाजपा में शामिल हुए वह अभी राजनीति में नौसिखिया है। पार्टी जो दायित्व देगी उसे पूरी जिम्मेदारी और योग्यता से निभाएंगे।अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से मांग की है कि पूर्व पुलिस कमिश्नर असीम अरुण के साथ काम करने वाले अधिकारियों को हटाया जाए वह चुनाव प्रभावित कर सकते है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कानपुर कमिश्नर के 10 माह के कार्यकाल में कोई विपक्ष का नेता नही कह सकता कि मेरा काम गलत है। मेरी निष्पक्षता पर सवाल खड़े करना बेमानी है जब मैंने यह निर्णय लिया तो इस्तीफा देने के बाद तुरन्त छुट्टी पर चला गया। आखिलेश यादव के तंज खाकी और खादी में कोई फर्क नही रह गया, पर उन्होंने कहा कि खाकी और खादी में बहुत फर्क है दोनों को मूल सिद्धातों पर काम करना चाहिए ईमानदारी से विधि के अनुसार पूरी शक्ति के साथ। खाकी में रहकर मैंने अभी तक ईमानदारी से काम किया अब खादी में रहकर भी वैसा ही काम करूंगा। कन्नौज से चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं अभी चुनाव की बात नही करूँगा आज वह अपने परिवार के साथ अपने पैतृक गांव आये है पार्टी जो भी काम देगी उसको गंभीरता से करूँगा।

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