लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के पीएम मोदी के ऐलान के बाद सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने कहा कि यह अहंकार की हार है और किसानों की जीत है, लेकिन जनता भाजपा को माफ नहीं करेगी इनका सफाया कर देगी। क्योंकि भाजपा को किसानों की नहीं वोटों की फिक्र है और यह निर्णय भी चुनाव के मद्देनजर लिया गया है। अखिलेश ने यह बात सपा कार्यालय में शुक्रवार को पत्रकारों से वार्ता करने के दौरान कही।
सपा सुप्रीमों ने कहा कि इन काले कानूनों को इसलिए वापस करना पड़ा क्योंकि सरकार डर गई है। जिस तरह से किसानों ने विरोध किया और पूर्वांचल में खासतौर से समाजवादी पार्टी के साथ नौजवान किसान हर वर्ग खड़ा हुआ उसकी गूंज दिल्ली तक गई। उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं के लिए ऐसे-ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता था। इसके लिए भाजपा के पूरे मंत्रिमंडल ही नहीं बल्कि पूरी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले नोटबंदी जैसा ऐसा ही एक और फैसला लिया गया था। सभी को पता है कि क्या उससे कोई अर्थव्यवस्था सुधरी। वह भी गलत था। उन्होंने किसानों को कानून वापसी की घोषणा पर बधाई देते हुये कहा कि यह हो सकता है कि चुनाव बाद फिर से कानून ले आएं। इसका भरोसा कौन देगा? उन्होंने कहा कि किसानों को न खाद मिल रही है और न ही धान के सही दाम। ऐसे में सरकार को एमएसपी कानून लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में धान की कोई खरीद नहीं हुई है। किसान परेशान हैं। माफी नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जन समर्थन खड़ा हुआ है उसके कारण ही यह कानून वापस हुए हैं।
अखिलेश ने कहा कि जिस तरह से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक को 2 मंडलों का प्रभारी बनाया गया है अभी और समय आएगा जब और बड़ों को और छोटा-छोटा प्रभारी बनाया जाएगा। क्योंकि यह साफ नजर आ रहा है कि इस बार प्रदेश से भाजपा का सफाया हो रहा है। रालोद के साथ गठबंधन पर उन्होंने कहा कि जल्द ही जयंत चैधरी और उनकी साझा प्रेस वार्ता में सब फाइनल हो जाएगा। चाचा शिवपाल यादव को भी पूरा सम्मान देने की बात कही।
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